Shayari on life in hindi zindagi shayari

ये ज़िंदगी की कहानी भी अजीब है,
यहाँ खुद के अलावा सभी रिश्ते सुलझे हैं।
Shayari on life in hindi zindagi shayari


जिंदगी कभी भी आसान नहीं होती
और शायद ये हम में से
अधिकतर लोगों के लिए अच्छा भी है

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जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना,
ये कमबख्त जिन्दगी भरोसे के काबिल नहीं है

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अंत में आप जीवन में कितने साल जिए
इसकी नहीं बल्कि कितने सालों में
आपने जीवन जिया इसकी गिनती होगी

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अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया
मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़त्म हो गया

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ज़िन्दगी में आपको कई बार
हार का सामना करना पड़ेगा,
लेकिन कभी भी अपने आप को हारने ना दें

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इजाजत हो तो मैं तस्दीक कर लूँ तेरी जुल्फों से,
सुना है जिंदगी इक खूबसूरत दाम है साकी

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जहाँ भी जाओ ख़ुशी फैलाओ,
खुशी के बिना किसी को भी कभी नहीं जाने दो

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सभी चेहरों पे नकाब के पहरे हैं, 
के हम हैं जो सरेआम बाज़ार में यूही घूम रहे हैं।

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हमारी जिन्दगी में कुछ
ऐसे खास लक्ष्य भी होने चाहिए
जो सुबह उठने पर कुछ खास काम
करने के लिए हमें मजबूर कर दे

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इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं

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ज़िन्दगी में हमें ऐसे हुनर भी आज़माना चाहिए,
जहा अपनो से हो जंग तो कई बार हार भी जाना चाहिए

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हर एक काम है धोका हर एक काम है खेल
कि ज़िंदगी में तमाशा बहुत ज़रूरी है

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एक खूबसूरत एहसास है जिंदगी,
एक खुली किताब है जिंदगी,
इसे जरा सही से जी कर तो देखो,
एक अनसुनी हकीकत है जिंदगी

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तुझसे कोई शिकायत नहीं है ऐ जिदंगी,
जो भी दिया है वही बहुत है

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ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है,
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नजर से हम

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मेरे मुकद्दर में वो है ही नहीं तो ज़िद्द किसकी करूं, 
वो अब है ही नहीं ख्यालों में तो ख्वाहिश किसकी करूं

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समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिए

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जो मिला कोई न कोई सबक दे गया,
अपनी जिन्दगी में हर कोई गुरु निकला

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ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेर दे इस बार,
न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू

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बाहर वबा का खौफ़ है अन्दर बला की मौत
हम जी रहे हैं मौत के साये में ज़िंदगी

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न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,
ये ज़िन्दगी है हिसाबों से जी नहीं जाती

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जिन्दगी के हर एक पल को खुबसूरत बनाइये,
जितना सहन करेंगे उतना मजबूत बनेंगे

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जाने कब आ के दबे पाँव गुजर जाती है,
मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके

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मैं कैसे बदल जाऊं, 
खुद के साथ चलना चाहा पर नहीं चल सका, 
अब वक्त मिला है तो मुझसे कहती है, 
अब थोड़ा और वक्त निकाल ले ज़िन्दगी

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कितना और बदलूं खुद को
ज़िन्दगी जीने के लिए,
ऐ ज़िन्दगी, मुझको थोड़ा सा
मुझमें बाकी रहने दे

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अब ना ही वो पहले सी जिंदगी रही,
दोस्तो ओर ना ही वो पहले जैसे शौक

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थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,
ये क्या कम है अपनी पहचान बचा पाया हूँ,
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ

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ज़िंदगी छीन ले बख़्शी हुई दौलत अपनी
तू ने ख़्वाबों के सिवा मुझ को दिया भी क्या है

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मंजिले बहुत है और अफ़साने भी बहुत है,
जिंदगी की राह में इम्तिहान भी बहुत है,
मत करो दुःख उसका जो कभी मिला नही,
दुनिया में खुश रहने के बहाने भी बहुत है

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न जाने कौन सी शोहरत पर आदमी को नाज है,
जबकि आखरी सफर के लिए भी,
आदमी औरों का मोहताज है

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कई जीत बाकी हैं कई हार बाकी हैं,
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है,
यहाँ से चले हैं नई मंजिल के लिए,
ये एक पन्ना था अभी तो किताब बाकी है

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मौत को इक बहाना काफ़ी है
सौ बहाने हैं ज़िन्दगी के लिए

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हसरतें कुछ और है,
वक्त की इल्तिजा कुछ और है,
कौन जी सका है जिंदगी अपने मुताबिक,
दिल चाहता कुछ और है,
होता कुछ और है

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दिल से जियो तो जहान है यह जिंदगी
हर रोज इंसान को नई उम्मीद देती है जिंदगी

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मैंने जिंदगी की गाड़ी से वो
साइड ग्लास ही हटा दिए,
जिसमे पीछे छूटते रस्ते और
बुराई करते लोग नजर आते थे

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कटती है आरज़ू के सहारे पे ज़िंदगी
कैसे कहूँ किसी की तमन्ना न चाहिए

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हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का

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मुझ से नाराज है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ जिंदगी मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर

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ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तक़दीर भी,
फर्क तो सिर्फ रंगों का है,
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर, और
अनजाने रंगों से बने तो तक़दीर

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ज़िंदगी शायद इसी का नाम है
दूरियाँ मजबूरियाँ तन्हाइयाँ

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इस जिन्दगी को जीने की आरजू,
बिन तेरे है अधूरी,
तेरा साथ जो मिल जाए,
मेरी जिन्दगी हो जाए पूरी

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इस दुनियां में सब कुछ एक जैसा नहीं चलता,
कुछ आपके खिलाफ तो कुछ आपके साथ चलता है

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वक्त बड़ा अजीब होता है,
इसके साथ चलो तो किस्मत बदल देता है,
और ना चलो तो किस्मत को ही बदल देता है

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खुश रहने से ही जिंदगी साकार है,
वरना यूं तो जिंदगी का हर पल बेकार है

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इतनी सी जिंदगी है,
पर ख्वाब बहुत है,
जुर्म का तो पता नहीं साहब,
पर इल्जाम बहुत है

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कभी मचलता था ये दिल और अब बहुत सुधर गया है,
जब से जिन्दगी से बुरा वक्त गुजर गया है

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जिंदगी जीनी है तो
हर हाल में चलना सीख लो,
खुशी हो या गम हर माहौल,
में रहना सीख लो

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जिंदगी जीनी है तो हर,
हाल में चलना सीख लो,
खुशी हो या गम हर माहौल,
में रहना सीख लो

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हर शख्स अकेला है शहरों में
और यह गांव है कि इसे
शहर बनने की जल्दी है

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सस्ते में लूट लेती है यह दुनिया अक्सर उन्हें,
जिन्हें खुद की कीमत का अंदाजा नहीं होता

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लगता था ज़िन्दगी को बदलने में वक़्त लगेगा
पर क्या पता था बदलता हुआ वक़्त, ज़िन्दगी बदल देगा

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जिंदगी में खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका,
उम्मीद रब से रखो सब से नहीं

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ज़िंदगी आज के हिसाब से जियो
कल खुद बदल जाएगा

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ऐ गम-ए-जिंदगी न हो नाराज,
मुझको आदत है मुस्कुराने की

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ज़िंदगी के हर दर्द को सहता जा
और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता जा

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चल ए ज़िन्दगी एक नई शरुआत करते हैं
जो उम्मीद दूसरो से की थी,
अब वो खुद से करते हैं

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सपनों की मंज़िल पास नहीं होती,
जिंदगी हर पल उदास नहीं होती,
खुदा पर यकीन रखना मेरे दोस्त,
कभी-कभी वह भी मिल जाता है,
जिसकी आस नहीं होती

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मेरी हर सांस में तू है,
मेरी हर ख़ुशी में तू है,
तेरे बिन जिन्दगी कुछ नहीं,
क्योंकि मेरी पूरी जिन्दगी ही तू है

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हौसले जिंदगी के देखते हैं,
चलिए कुछ रोज जी के देखते हैं,
नींद पिछली सदी की जख्मी है,
ख़्वाब अगली सदी के देखते हैं

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हम ही पत्थर के हो गये ये सोचके,
कि ज़िंदगी तो फूल बनेगी नहीं

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मत सोच इतना ज़िन्दगी के बारे में,
जिसने ज़िन्दगी दी है,
उसने भी कुछ तो सोचा होगा

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कल की बात क्यों करे अगर आज सुहाना है,
हसना है और हसाना है जिंदगी का यही फसाना है

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लम्हों की खुली किताब हैं ज़िंदगी,
ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िंदगी,
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िंदगी

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जरूरतों की फिकर में आँखें जाग रही हैं,
बस इसी तरह हमारी जिन्दगी भाग रही है

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ज़िन्दगी एक फूल है तो मोहब्बत उसकी खुशबू है,
प्यार एक दरिया है तो महबूब उसका साहिल है,
अगर ज़िंदगी एक दर्द है तो दोस्त उसकी दवा है

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सब कुछ मिल जाए अगर ज़िन्दगी में तो क्या मजा,
ज़िंदगी जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है

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जरा सी ज़िंदगी है अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है वो अनजान बहुत हैं

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समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिए

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ज़िन्दगी की हर तमन्ना पूरी नहीं होती,
तक़दीर की कोई भी मजबोरी नहीं होती

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मत सोच इतना ज़िन्दगी के बारे में,
जिसने ज़िन्दगी दी है,
उसने भी कुछ तो सोचा होगा

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सिर्फ सांसे चलते रहने को ही ज़िन्दगी नही कहते
आँखों में कुछ ख़वाब और दिल में उम्मीदे होना जरूरी है

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जिन्दगी तू ही बता कैसे तुझसे प्यार करू !
तेरी हर एक सुबह मेरी उम्र कम कर देती है

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यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों,
रहना जरा संभाल के,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के

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ज़िंदगी के हर दर्द को सहता जा,
और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता जा

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जिंदगी तो बाकी है बहुत अभी
लेकिन चाहकर भी अब जिंदगी
को अपना नहीं बनाएंगे कभी

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ज़िन्दगी का मामला भी अजीब है,
साहब ठोकर देकर संभालना सिखाया

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पहले जैसा ढंग नहीं रहा
जिंदगी की रंगोली में
अब तो जहर भरा रहता है
लोगों की बोली में
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