अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो
सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो।
जिस दिल में बसा था नाम तेरा हमने वो तोड़ दिया,
न होने दिया तुझे बदनाम बस तेरे नाम लेना छोड़ दिया
---
तुम्हे देखते ही ये दिल मेरा बेकरार होने लगा है
मुझे तुमसे इस कदरप्यार होने लगा है
---
मैं तब भी तेरा रहूंगा,
जब मैं नहीं रहूँगा
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उसकी मोहब्बत लाख छुपाई ज़माने से मैंने,
न होने दिया तुझे बदनाम बस तेरे नाम लेना छोड़ दिया
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तुम्हे देखते ही ये दिल मेरा बेकरार होने लगा है
मुझे तुमसे इस कदरप्यार होने लगा है
---
मैं तब भी तेरा रहूंगा,
जब मैं नहीं रहूँगा
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उसकी मोहब्बत लाख छुपाई ज़माने से मैंने,
मगर आँखों में तेरे अक्स को छुपा न सका।
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सच्ची मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती,
वक़्त के साथ खामोश हो जाती है
---
अपने बेजुबान इश्क को एक नया मोड़ देता हूं
तेरी चाहत को अपनी धड़कन से जोड़ लेता हूं
---
मुझे अच्छा लगता है तुझसे गुफ्तगू करना,
ऐसा लगता है कि लौट आया हो कोई अपना
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नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम,
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सच्ची मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती,
वक़्त के साथ खामोश हो जाती है
---
अपने बेजुबान इश्क को एक नया मोड़ देता हूं
तेरी चाहत को अपनी धड़कन से जोड़ लेता हूं
---
मुझे अच्छा लगता है तुझसे गुफ्तगू करना,
ऐसा लगता है कि लौट आया हो कोई अपना
---
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम,
मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
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मुझे नहीं मालूम वो पहली बार कब अच्छा लगा,
मगर उसके बाद कभी बुरा भी नहीं
---
तुम आए तो जिंदगी हसीन लगने लगी है
मेरी धड़कन तेरी सांसो से जुड़ने लगी है
---
समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िन्दगी कही तो होनी चाहिए
---
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
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मुझे नहीं मालूम वो पहली बार कब अच्छा लगा,
मगर उसके बाद कभी बुरा भी नहीं
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तुम आए तो जिंदगी हसीन लगने लगी है
मेरी धड़कन तेरी सांसो से जुड़ने लगी है
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समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िन्दगी कही तो होनी चाहिए
---
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।
---
तुम मुझे छोड़ नहीं पाओगी
मै तुम्हारी चाय बन जाऊंगा
---
थोड़ा-थोड़ा करके मुकम्मल होता है
ये रूहानी इश्क सच्ची
चाहत से ही पूरा होता है
---
समझता ही नहीं वो मेरे अलफ़ाज़ की गहराई,
मैंने हर लफ्ज़ कह दिया जिसे मोहब्बत कहते है
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मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
---
तुम मुझे छोड़ नहीं पाओगी
मै तुम्हारी चाय बन जाऊंगा
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थोड़ा-थोड़ा करके मुकम्मल होता है
ये रूहानी इश्क सच्ची
चाहत से ही पूरा होता है
---
समझता ही नहीं वो मेरे अलफ़ाज़ की गहराई,
मैंने हर लफ्ज़ कह दिया जिसे मोहब्बत कहते है
---
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।
---
मोहब्बत का एहसास तो हम दोनों को हुआ था,
फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था और मुझे हुआ था
---
हम तेरे इश्क में इस कदर खो जाते है
दिन हो या रात बस
तेरे ही ख्याल आते है
---
जो शख्स तेरे तसव्वुर से हे महक जाये,
सोचो तुम्हारे दीदार में उसका क्या होगा
---
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,
---
मोहब्बत का एहसास तो हम दोनों को हुआ था,
फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था और मुझे हुआ था
---
हम तेरे इश्क में इस कदर खो जाते है
दिन हो या रात बस
तेरे ही ख्याल आते है
---
जो शख्स तेरे तसव्वुर से हे महक जाये,
सोचो तुम्हारे दीदार में उसका क्या होगा
---
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत
---
हो तल्लुक तो रूह से हो,
दिल तो अक्सर भर जाते हैं
---
हर लम्हा मैं तेरे इश्क
का दीदार करता हूं
तुम्हे मैं अपने ख्वाबो
और खयालो में याद करता हूं
---
वापस लौट आया है हवाओं का रुख मोड़ने वाला,
दिल में फिर उतर रहा है दिल तोड़ने वाला
---
लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से,
---
हो तल्लुक तो रूह से हो,
दिल तो अक्सर भर जाते हैं
---
हर लम्हा मैं तेरे इश्क
का दीदार करता हूं
तुम्हे मैं अपने ख्वाबो
और खयालो में याद करता हूं
---
वापस लौट आया है हवाओं का रुख मोड़ने वाला,
दिल में फिर उतर रहा है दिल तोड़ने वाला
---
लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से,
एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये
---
मुझे पाने की तुम ज़िद ना करो,
किसी की छोड़ी हुई मोहब्बत हूं मैं
---
तेरी मोहब्बत का
खूमार दिल पर छाया है
क्योकि तुझे देख कर
मुझे इश्क नजर आया है
---
मरे तो लाखों होंगे तुझ पर,
मैं तो तेरे साथ जीना चाहता हूँ
---
तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी,
---
मुझे पाने की तुम ज़िद ना करो,
किसी की छोड़ी हुई मोहब्बत हूं मैं
---
तेरी मोहब्बत का
खूमार दिल पर छाया है
क्योकि तुझे देख कर
मुझे इश्क नजर आया है
---
मरे तो लाखों होंगे तुझ पर,
मैं तो तेरे साथ जीना चाहता हूँ
---
तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी,
अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं
---
तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझे,
मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो
---
जनाब खाली जेब में ना
दोस्ती टिकती है ओर
ना ही मोहब्बत
---
बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को,
ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को,
बुझती नहीं है प्यास मेरे इस प्यासे दिल की,
न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को
---
तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझे,
मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो
---
जनाब खाली जेब में ना
दोस्ती टिकती है ओर
ना ही मोहब्बत
---
बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को,
ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को,
बुझती नहीं है प्यास मेरे इस प्यासे दिल की,
न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को
---
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो,
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो,
खुद से बढ़ कर मुझे रहती है जरुरत उसकी
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तुम्हारा ज़र्फ़ है तुम को मोहब्बत भूल जाती है,
हमें तो जिस ने हँस कर भी पुकारा याद रहता है,
मोहब्बत में जो डूबा हो उसे साहिल से क्या लेना,
किसे इस बहर में जा कर किनारा याद रहता है
---
तुम्हारा ज़र्फ़ है तुम को मोहब्बत भूल जाती है,
हमें तो जिस ने हँस कर भी पुकारा याद रहता है,
मोहब्बत में जो डूबा हो उसे साहिल से क्या लेना,
किसे इस बहर में जा कर किनारा याद रहता है
---
तेरी खूबसूरत अदाओ में
मुझे इश्क नजर आता है
तुम्हे देखते ही ये
दिल तेरा हो जाता है
---
तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र तेरा एहसास तेरा ख्याल,
तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है।
तेरी खूबसूरत अदाओ में
मुझे इश्क नजर आता है
तुम्हे देखते ही ये
दिल तेरा हो जाता है
---
तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र तेरा एहसास तेरा ख्याल,
तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है।
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राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर,
राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर,
खामोश मोहब्बत की जुबान होती है
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तू हकीकत-ए-इश्क है या कोई फरेब,
ज़िन्दगी में आती नहीं ख़्वाबों से जाती नहीं
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तू हकीकत-ए-इश्क है या कोई फरेब,
ज़िन्दगी में आती नहीं ख़्वाबों से जाती नहीं
---
रूठ गए हम तो हमे मना लेना
बातो से बात ना बने तो
मुझे तुम गले से लगा लेना
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रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी
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यही बहुत है कि तुमने पलट के देख लिया,
रूठ गए हम तो हमे मना लेना
बातो से बात ना बने तो
मुझे तुम गले से लगा लेना
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रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी
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यही बहुत है कि तुमने पलट के देख लिया,
ये लुत्फ़ भी मेरी उम्मीद से कुछ ज्यादा है
---
तेरे ख्याल में जब बेख्याल होता हूँ,
जरा सी देर को ही सही बेमिसाल होता हूँ
---
तुझे छूने की बात तो बहुत दूर है
अगर कोई तुम्हे देखे भी
तो मुझे बर्दाश्त नही होता
---
किताब-ए-दिल में भी रखा तो ताज़गी ना गई,
तेरे ख्याल का जलवा गुलाब जैसा है
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लम्हों में क़ैद कर दे जो सदियों की चाहतें,
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तेरे ख्याल में जब बेख्याल होता हूँ,
जरा सी देर को ही सही बेमिसाल होता हूँ
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तुझे छूने की बात तो बहुत दूर है
अगर कोई तुम्हे देखे भी
तो मुझे बर्दाश्त नही होता
---
किताब-ए-दिल में भी रखा तो ताज़गी ना गई,
तेरे ख्याल का जलवा गुलाब जैसा है
---
लम्हों में क़ैद कर दे जो सदियों की चाहतें,
हसरत रही कि ऐसा कोई अपना तलबगार हो
---
हमारे एक इशारे पर वो ऐसे मुसकुरा बैठे,
हम उनकी मुस्कराहट पे खुद को लुटा बैठे,
न समझे हैं न समझेंगे वो मोहब्बत को,
कि उनकी हर अदा पे हम खुद को मिटा बैठे
---
कुछ इस कदर छाया है नशा तुम्हारा
नशे में बरकरार रहे
ये अनमोल प्यार हमारा
---
हमारे एक इशारे पर वो ऐसे मुसकुरा बैठे,
हम उनकी मुस्कराहट पे खुद को लुटा बैठे,
न समझे हैं न समझेंगे वो मोहब्बत को,
कि उनकी हर अदा पे हम खुद को मिटा बैठे
---
कुछ इस कदर छाया है नशा तुम्हारा
नशे में बरकरार रहे
ये अनमोल प्यार हमारा
---
नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,
मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,
मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,
मेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो
---
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,
मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,
मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,
मेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो
---
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,
काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये
---
पत्थर से फरियाद,
कभी की नहीं जाती
चाहत ए दोस्ती,
कभी बेकार नहीं जाती
---
जानू देखा है हमने तुम्हे जब से
ये दिल इश्क करता है तुम्हे तब से
---
एक बेवफा संग दिल से,
खुदा जाने क्यों प्यार हुआ
जमाना कहता है काफिर उसे ,
खुदा जाने क्या वो मेरा हमराज हुआ
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रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,
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पत्थर से फरियाद,
कभी की नहीं जाती
चाहत ए दोस्ती,
कभी बेकार नहीं जाती
---
जानू देखा है हमने तुम्हे जब से
ये दिल इश्क करता है तुम्हे तब से
---
एक बेवफा संग दिल से,
खुदा जाने क्यों प्यार हुआ
जमाना कहता है काफिर उसे ,
खुदा जाने क्या वो मेरा हमराज हुआ
---
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,
इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने
---
हर ख़ुशी मेरी हराम है,
ये जिन्दगी दर्द भरी शाम है
खुशियों से क्या मेरा वास्ता,
ये जिन्दगी बस यु ही तमाशा है
---
उस चेहरे को खुश रखना
ए खुदा जिसे हम चाहते है
क्योकि उसी के साथ हम
जिंदगी जीना चाहते है
---
मेरे दिल से उसकी हर,
गलती माफ हो जाती हैं
जब वो मुस्कुरा के पूछती है,
नाराज हो क्या
---
जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है,
---
हर ख़ुशी मेरी हराम है,
ये जिन्दगी दर्द भरी शाम है
खुशियों से क्या मेरा वास्ता,
ये जिन्दगी बस यु ही तमाशा है
---
उस चेहरे को खुश रखना
ए खुदा जिसे हम चाहते है
क्योकि उसी के साथ हम
जिंदगी जीना चाहते है
---
मेरे दिल से उसकी हर,
गलती माफ हो जाती हैं
जब वो मुस्कुरा के पूछती है,
नाराज हो क्या
---
जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है
---
कौन कहता है कि आसुओ मैं,
वज़न नहीं होता
एक भी छलक जाता है,
तो न हल्का हो जाता है
---
तेरे प्यार में इस तरह में नीलाम हो जाऊं
आखरी हो तेरी बोली और मैं
तेरा महबूब बन जाऊं
---
कौन देता है उम्र भर का सहारा
लोग तो जनाज़े मैं भी कंधे बदलते रहते है
---
इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,
---
कौन कहता है कि आसुओ मैं,
वज़न नहीं होता
एक भी छलक जाता है,
तो न हल्का हो जाता है
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तेरे प्यार में इस तरह में नीलाम हो जाऊं
आखरी हो तेरी बोली और मैं
तेरा महबूब बन जाऊं
---
कौन देता है उम्र भर का सहारा
लोग तो जनाज़े मैं भी कंधे बदलते रहते है
---
इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,
आँखें तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं
---
तन्हा रहना सीख लिया हमने,
पर खुश कभी ना हम रह पायेंगे
तेरी दुरी सहना सीख लिया हमने ,
पर तेरी दोस्ती के बिना जी नहीं पायंगे
---
जब भी कही प्यार का जिक्र किया जाता है
इस दिल को सिर्फ तेरा नाम याद आता है
---
इंसान सब कुछ भूल सकता है,
सिवाय उन पलों के जब उसे
अपनों की जरुरत थी और वो,
साथ नहीं थे
---
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी,
---
तन्हा रहना सीख लिया हमने,
पर खुश कभी ना हम रह पायेंगे
तेरी दुरी सहना सीख लिया हमने ,
पर तेरी दोस्ती के बिना जी नहीं पायंगे
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जब भी कही प्यार का जिक्र किया जाता है
इस दिल को सिर्फ तेरा नाम याद आता है
---
इंसान सब कुछ भूल सकता है,
सिवाय उन पलों के जब उसे
अपनों की जरुरत थी और वो,
साथ नहीं थे
---
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी,
बताओ यार इश्क करते हो या इलाज करते हो
---
मेरे पास बच गई तेरी कहानी है,
और खामोश सी एक ज़िंदगानी है
मेरे रूह की खुशियां तू ले गई,
इन आँखो मैं बस दुखों का पानी है
---
कितना कम पड़ जाता है ये वक्त
जब तुम हमारी बाहो में होते है
---
मेरी यादों को तुम चुन लो,
तुम्हारी तन्हाई दूर चली जायगी
मुझे तुम हर लम्हे में छू लो,
ये रुसवाई करीब कभी न आएगी
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ना तो पूरे मिल रहे हो ना ही खो रहे हो तुम,
---
मेरे पास बच गई तेरी कहानी है,
और खामोश सी एक ज़िंदगानी है
मेरे रूह की खुशियां तू ले गई,
इन आँखो मैं बस दुखों का पानी है
---
कितना कम पड़ जाता है ये वक्त
जब तुम हमारी बाहो में होते है
---
मेरी यादों को तुम चुन लो,
तुम्हारी तन्हाई दूर चली जायगी
मुझे तुम हर लम्हे में छू लो,
ये रुसवाई करीब कभी न आएगी
---
ना तो पूरे मिल रहे हो ना ही खो रहे हो तुम,
दिन-ब-दिन और भी दिलचस्प हो रहे हो तुम
---
जो उसकी आँखो से बयाँ होते है,
वोह लफ़ज़ किताबों में कहाँ होते है
---
तेरी आशिकी के सैलाब में डूब गया मैं
तेरे प्यार भरे एहसासो से झूम गया मैं
---
मेरे दिल की नाजुक धड़कनो को,
तुमने धड़कना सिखा दिया
जब से मिला है प्यार तेरा,
गम में भी मुस्कुराना सिखा दिया
---
तुम कहते हो ना हमेशा खुश रहा करो
---
जो उसकी आँखो से बयाँ होते है,
वोह लफ़ज़ किताबों में कहाँ होते है
---
तेरी आशिकी के सैलाब में डूब गया मैं
तेरे प्यार भरे एहसासो से झूम गया मैं
---
मेरे दिल की नाजुक धड़कनो को,
तुमने धड़कना सिखा दिया
जब से मिला है प्यार तेरा,
गम में भी मुस्कुराना सिखा दिया
---
तुम कहते हो ना हमेशा खुश रहा करो
तो फिर सुन लो तुम भी हमेशा मेरे पास रहा करो
---
मेरे दिल में झांक देखिए जरा,
एक चाँद आपसा नजर आएगा
एक चेहरा जिसे प्यार करता हूँ मैं,
आपके आईने में उतर जाएगा
---
मेरे दिल में झांक देखिए जरा,
एक चाँद आपसा नजर आएगा
एक चेहरा जिसे प्यार करता हूँ मैं,
आपके आईने में उतर जाएगा